Monday, August 15, 2011

अब हमें चूसा जाएगा

एशियन  वेल्थ  मार्केट  के  अनुसार  दस  लाख  डालर  की  न्यूनतम  निवेश  क्षमता  वाले  भारत  में  1,73,000 लोग  हैं  जिनकी  कुल  संपत्ति  मात्र  42 लाख  करोड़  रूपये   है,  लगभग  950 अरब  डालर.

सम्भावना  है  कि 2015 तक  ये  संपत्ति   बढ़कर  2465 अरब  डालर  यानि 1,00,00,000  करोड़  रूपए  होगी.  ऐसे  महानुभावों  की संख्या  भी बढ़कर  हो  जाएगी  4,03,000. अब  सीएलएसए के  मुताबिक  तेज  आर्थिक  वृदि और  शानदार  मुनाफे  के  चलते  भारत  में  संभावनाएं  बहुत  हैं.

हमारे प्यारे  प्रधानमंत्री  कहते  हैं  कि हमारी  महंगाई  इसलिए  बढ़  रही  है  क्योंकि  हम  खाते  बहुत  हैं,  क्रय  क्षमता  बढ़  गयी  है  और साथ ही बढ़ गयी है हमारी आमदनी  इसलिए हमारी कीमतें कम करने की मांग स्वीकार करना तो जरा मुश्किल है. ज्यादा जरुरी है विदेशी पूंजी निवेश की आकर्षित करना और देश की आर्थिक  विकास दर को बढाकर आठ प्रतिशत तक ले जाना.

भारत में वामपंथी तो हमेशा ही मजदूर और गरीबों की बात करते हैं अब तो दक्षिणपंथी भी उसी सुर में बोल रहे हैं पर बेशक घोटालों में देश कितना ही लुट जाये,  सरमायेदारों को कितनी भी सब्सिडी मिल जाये पर गरीब का तो हाल बेहाल ही रहेगा. वैसे भी मोंटेक सिंह जी तो यदा कदा हमें समझाते ही रहेंगे कि देश में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की तादात में निरंतर कमी आ रही है.

सीधा  सा  मतलब  है  प्यारे,  तैयार  हो  जाओ  क्योंकि  ये वृद्धि दर हासिल करने के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष चूसा  तो  हमें  ही  जाएगा.  आखिर  हम  हैं  आम... आम  आदमी